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Wednesday 1 August 2012

रक्षा बंधन डोर एक प्रेम की

कल रक्षा बंधन हैं सोचता हूँ बहनों को क्या दू
रुपया दू ,उपहार हूँ या फिर प्यार का सौगात दू
बहने तो सिर्फ हमारा प्यार चाहती हैं
बहने तो सिर्फ हमारी सलामी चाहती हैं
मैं सोचता हूँ बदले में बहनों को क्या दू
क्या उन्हें उनकी रक्षा का वादा दू
क्या उन्हें ये भरोषा दू
कभी भी उनके प्यार को कम न होने देंगे
ऐसा ही कोई विश्वास दू सोचता हूँ , बहनों को क्या दू
(मेरे तरफ से भाई-बहन के प्रेम का ये त्यौहार आप सबको मुबारक हो )
कीजिये एक वादा मुझसे करेंगे रक्षा बहनों का ,देंगे प्यार-दुलार बहनों को कदमो में रख देंगे सारे संसार की खुशिया,ऐसा ही एक वादा कीजिये बहनों से )
कल रक्षा बंधन हैं सोचता हूँ बहनों को क्या दू
रुपया दू ,उपहार हूँ या फिर प्यार का सौगात दू
बहने तो सिर्फ हमारा प्यार चाहती हैं
बहने तो सिर्फ हमारी सलामी चाहती हैं
मैं सोचता हूँ बदले में बहनों को क्या दू
क्या उन्हें उनकी रक्षा का वादा दू
क्या उन्हें ये भरोषा दू
कभी भी उनके प्यार को कम न होने देंगे
ऐसा ही कोई विश्वास दू सोचता हूँ , बहनों को क्या दू
(मेरे तरफ से भाई-बहन के प्रेम का ये त्यौहार आप सबको मुबारक हो )
कीजिये एक वादा मुझसे करेंगे रक्षा बहनों का ,देंगे प्यार-दुलार बहनों को कदमो में रख देंगे सारे संसार की खुशिया,ऐसा ही एक वादा कीजिये बहनों से )