शिक्षा का बढ़ता विस्तार और बेरोजगारी
बहुत पहले हमारे देश में शिक्षा को प्राथमिकता नही दी जाती थी !
पर आज हमारा देश शिक्षा के छेत्र में कई बुलंदिया छु रही है
पुरे दुनिया में में भारतीय शिक्षा का डंका बज रहा है !
पर जिस तरह से शिक्षा का विस्तार हुआ उस तरह कार्य के छेत्र में विस्तार नही हुआ !
उल्टा जैसे जैसे शिक्षा का विकास होते गया वैसे वैसे बेरोजगारी में विस्तार होते चले गई !
आज हमारे देश में कई पढ़े लिखे नौजवान नौकरी तलाश में दर दर की ठोकरे फिरते है !
डिग्री की कोई कमी नही है
एक एक से डिग्रिया है पर नौकरी नही है
अछे खासे पढ़े लिखे नौजवान सिर्फ अपना पेट पालने केलिए मजदूरी कर रहे है !
इन सब चीजो को देखने के बाद इस सोच में पर जाता हु की क्या फायदा हुआ फिर इस तरह से शिक्षा पाकर !
हम अपने ही देश में अंजानो की तरह इधर उधर भटक रहे है !
काफी कुछ कहना है मुझे इस बारे में
तब तक आप से अनुरोध है इस विषय पे जरुर सोचिए और अपनी राय मुझे दीजिये !
मै वापस आकर आपसे बात करता हु
तब तक के लिए नमसकार !!
बहुत पहले हमारे देश में शिक्षा को प्राथमिकता नही दी जाती थी !
पर आज हमारा देश शिक्षा के छेत्र में कई बुलंदिया छु रही है
पुरे दुनिया में में भारतीय शिक्षा का डंका बज रहा है !
पर जिस तरह से शिक्षा का विस्तार हुआ उस तरह कार्य के छेत्र में विस्तार नही हुआ !
उल्टा जैसे जैसे शिक्षा का विकास होते गया वैसे वैसे बेरोजगारी में विस्तार होते चले गई !
आज हमारे देश में कई पढ़े लिखे नौजवान नौकरी तलाश में दर दर की ठोकरे फिरते है !
डिग्री की कोई कमी नही है
एक एक से डिग्रिया है पर नौकरी नही है
अछे खासे पढ़े लिखे नौजवान सिर्फ अपना पेट पालने केलिए मजदूरी कर रहे है !
इन सब चीजो को देखने के बाद इस सोच में पर जाता हु की क्या फायदा हुआ फिर इस तरह से शिक्षा पाकर !
हम अपने ही देश में अंजानो की तरह इधर उधर भटक रहे है !
काफी कुछ कहना है मुझे इस बारे में
तब तक आप से अनुरोध है इस विषय पे जरुर सोचिए और अपनी राय मुझे दीजिये !
मै वापस आकर आपसे बात करता हु
तब तक के लिए नमसकार !!
आपकी यह बेहतरीन रचना शुकरवार यानी 28/12/2012 को http://nayi-purani-halchal.blogspot.com पर लिंक की जाएगी…
ReplyDeleteइस संदर्भ में आप के सुझाव का स्वागत है।
सूचनार्थ,
शिक्षा के साथ रोजगार के अवसर भी मिलने चाहिए ... सहमत
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